गोविंद तुम्हारे चरणों मे एक प्रेम पुजारी आया है ।
published on 12 September
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गोविंद तुम्हारे चरणों मे एक प्रेम पुजारी आया है ।
गोविंद तुम्हारे चरणों मे एक दास भिखारी आया है ।
मेरे हाथों मे जल का लोटा है मै तुम्हें नहलाने आया हू ।
बड़े प्रेम से नहाओ मन मोहन मै तुम्हें नहलाने आया हू ।|1||
मेरे हाथों मे रेशम वस्त्र है मै तुम्हें पहनानै आया हू ।
बड़े प्रेम से पहनो मन मोहन मै तुम्हें पहनहाने आया हू ।|2||
मेरे हाथों मे केसर चंदन है मै तिलक लगाने आया हू ।
बड़े प्रेम से लगवाओ मन मोहन मै तिलक लगाने आया हू ।|3||
मेरे हाथों मे फूलों का गजरा है मै तुम्हें पहराने आया हू ।
बड़े प्रेम सै पहरो मन मोहन मै तुम्हें पहनहाने आया हू ।|4||
मेरै हाथों मे माखन मिसरी है मै भोग लगाने आया हू ।
बड़े प्रेम से जीमो मन मोहन मै तुम्हें जिमाने आया हू ।|5||
मेरे हाथों मे सोने की झारी है मै तुम्हें पिलाने आया हू ।
बड़े प्रेम से पिओ मन मोहन मै v पिलाने आया हू ।|6||
मेरे हाथों मे झालर धंटा है मै आरती करने आया हू ।
बड़े प्रेम से आरती करने दो मै आरती करने आया हू ।|7||
मेरे हाथों मे धूप ओर दीपक है मै आरती करने आया हू ।
बड़े प्रेम से आरती करने दो मै आरती करने आया हू ।|8||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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