हे नाथ ! मैं आपको कभी भूलूँ नहीं

हे नाथ ! मैं आपको कभी भूलूँ नहीं





हे नाथ ! मैं आपको कभी भूलूँ नहीं 
हर पल ये कहते रहो कभी भूलूँ नहीं ॥

प्रात: उठूँ लेके नाम तुम्हारा,
काम करूँ सब समझ के तुम्हारा,
याद करूँ रात दिन कभी भूलूँ नहीँ ॥1||

घर को मैं समझूँ हरि मन्दिर तुम्हारा,
हर जन में देखूँ मैं रूप तुम्हारा,
सब में हरि आप हैं कभी भूलूँ नहीं ॥2||

जो भी मिला है प्रसाद तुम्हारा,
अमृत समझ के करूँ मैं गुजा‍रा,
सुखमें या दुखमें रहूँ कभी भूलूँ नहीं ॥3||

मोहन मेरे जीवन को तुमने सँवारा,
कृपा करी देके मुझको सहारा,
नर तन दिया आपने कभी भूलूँ नहीं ॥4||

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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