ओ कान्हा आये दर पर तेरे,ओ कान्हा आये दर पर तेरे
published on 12 सितंबर
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ओ कान्हा आये दर पर तेरे,
ओ कान्हा आये दर पर तेरे
लाज रखले तूं आज हमारी,
ओ कान्हा आये दर पर तेरे
दिल में मेरे.तूं ही समाया,
नहीं जानूं कौन अपना पराया
अब मुझको तूं अपना बनाले||1||
लाज गयी तो जी ना सकेंगे,
मारेगी दुनिया ताना सह न सकेंगे
लाज राखी थी कितनों की तूनें ||2||
नरसी,मीरा और सुदामा,
भजके नाम.पहुँचे श्री धामा
राधिका भजती है नाम तुम्हारा..||3||
'जय श्री राधे कृष्णा ''
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