
मन भूल मत जइयो राधारानी के चरन।
राधारानी के चरन महारानी के चरन।
मन भूल मत जइयो राधारानी के चरन।।
वृषभानु की किशोरी बू तो गइया हूँ ते भोरी।
प्रीति जानिके हूँ थोरी तोहे राखैगी शरन।।1| |
जाकूँ श्याम उर हेरे राधे राधे कह टेरे।
याकूँ बाँसुरी मेँ टेरै करै नाम सौँ रमण।।2| |
भक्त प्रेमिन बखानी याकी महिमा रसखानी।
मिलै भीख मनमानी करै प्रेम सौँ वरण।।3| |
ऐ रे मन मतवारे छोड दुनिया के द्वारे।
राधा नाम के सहारे छोड जीवन मरण।।4| |
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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