सांवरियां ले चल परली पार , कन्हैय्या ले चल परली पार
published on 12 September
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सांवरियां ले चल परली पार , कन्हैय्या ले चल परली पार
जहाँ विराजे राधा रानी , अलबेली सरकार सांवरियां |
जहाँ विराजे राधा रानी , सब रसिको की सरदार|
गुण अवगुण सब तुझको अर्पण , पाप पुण्य सब तुझको अर्पण,
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण , यह जीवन भी तेरे अर्पण,
मैं तेरे चरणों की दासी , मेरे प्राण आधार सांवरियां ||1||
तेरी आस लगा बैठी हूँ , लज्जा शील गवां बैठी हूँ,
आंखें खूब पका बैठी हूँ , अपना आप लुटा बैठी हूँ,
सांवरियां में तेरी रागनी , तू मेरा मल्हार सांवरियां ||2||
जग की कुछ परवाह नहीं है , तेरे बिना कोई चाह नहीं है,
कोई सूझती राह नहीं है , तेरे मिलन की आस यही है,
मेरे प्रीतम मेरे माझी , कर दो बेडा पार सांवरियां ||3||
आनंद घन यहाँ बरस रहा है , पत्ता पत्ता हर्ष रहा है,
हरी बेचारा तरस रहा है , पीपी कह कोई बरस रहा है,
बहुत हुई अब हार गयी मैं , मेरे प्राण आधार सांवरियां ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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