इतनी कर दे दया श्री दामोदर, तेरे चरणों में जीवन बिताऊं
published on 13 September
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इतनी कर दे दया श्री दामोदर, तेरे चरणों में जीवन बिताऊं
मैं रहु इस जगत में कही भी, तेरी चौखट को न भूल पाऊं |
इतना कमजोर हूँ मैं कन्हैया, जोर कुछ भी चले ना यहाँ मेरा
ऐसी हालत में इतना तो सोचो, मुझको कैसे मिलेगा किनारा
कर दे ऐसा यतन श्याम प्यारे, तेरी दया का वरदान पाऊं ||1||
अपनी नजरों से कभी न गिराना, नेक राहों पे मुझको चलाना
दीनबंधु दया का खजाना, बेबसों पे हमेशा लुटाना
मैं तो जैसा भी हूँ बस तुम्हारा, आके दर पे खड़ा सिर झुकाऊं ||2||
प्रेम बंधन में यूं मुझको बांधो, डोर बंधन की टूटे कभी ना
अपनी पायल का घुँघरू बना लो, दास चरणों से छुटे कभी ना
अपने चरणों से ऐसे लगा लो, तेरे चरणों का गुणगान गाऊं ||3||
श्री दामोदर दरबार तेरा निराला, तुने दीनो को हर पल संभाला
अपनी दया से मुझको नवाज़ो, मैंने दर पे तेरे डेरा डाला
ये भक्तो की प्यारी श्री राधा, अपने भक्तों का जीवन सजाये.||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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