जिनका दिल मोहन की चोखट का दीवाना हो गया इस जहा से दूर उनका आशियाना हो गया

जिनका दिल मोहन की चोखट का दीवाना हो गया इस जहा से दूर उनका आशियाना हो गया



जिनका दिल मोहन की चोखट का दीवाना हो गया
इस जहा से दूर उनका आशियाना हो गया

कर लिया दीदार जिसने सांवले सरकार का
बन गया नौकर हमेशा के लिए दरबार का
रोज मिलने का प्रभु से ये बहाना हो गया
इस जहा से दूर उनका आशियाना हो गया ||1||

ना रही परवाह जगत की और कुछ ना भा रहा
श्याम का श्रृंगार जब आँखों के आगे आ रहा
हल्का सा अंदाज उनका आशिकाना हो गया
इस जहा से दूर उनका आशियाना हो गया ||2||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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