
तेरी बाट निहारे राधा ,
साँवरियां आजा रे |
आ जा साँवरियां ,आ जा |
सर पर है गोरस की मटकी ,
तेरे दर्श बिन पथ से भटकी ,
आजा रे चितचोर साँवरे,
ठाडी तेरी गुजरिया ||१||
बार -बार यमुना तट जावे ,
काहे मुझको दर्श न दिखावे '
घर से यमुना ,यमुना से घर ,
डोले बीच डगरिया ||२||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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