घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आई हूँ

घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आई हूँ



घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आई हूँ
वाणी मे तनिक मिठास नहीं पर विनय सुनाने आई हूँ |

मै देखूं अपने कर्मो को फिर दया को तेरी करूणा को
ठुकराई हुई मै दुनिया से तेरा दर खटकाने आई हूँ ||1||

ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए
लो चलो अच्छा हुआ कुछ लोग तो पहचाने गए ||2||

समझी थी मै जिन्हें अपना सब हो गए आज बेगाने हैं
सारी दुनिया को तज के प्रभु तुझे अपना बनाने आई हूँ ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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