बंसी बजाये मोरा प्रीतम प्यारा

बंसी बजाये मोरा प्रीतम प्यारा



बंसी बजाये मोरा प्रीतम प्यारा
जनम जनम का मीत हमारा
बंसी बजाये मोरा प्रीतम प्यारा |

जाग उठी आँधी भयी रजनी
पट घूँघट उलट गये सजनी
जोग जगाये ऐसा जादू डारा ||1||

छूट गयीं सुध-बुध की संखियाँ
चहुँ दिस ढ़ूँढ़े चकोरी मोरी अँखियाँ
झूमे गगन का तारा ||2||

गंगा जमुना लहर नभ छू ले
तल से उठे कमल दल फूले
अनहद नाद सुनाये कोई न्यारा ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: