
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया ॥
अपने अपने घर से निकसी,
कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया ||1||
कौन गावं केकुंवर कन्हिया,
कौन गावं राधा गोरी रे रसिया ||2||
नन्द गावं के कुंवर कन्हिया,
बरसाने की राधा गोरी रे रसिया ||3||
इत ते आए कुंवर कन्हिया,
उत ते राधा गोरी रे रसिया ||4||
कौन के हाथ कनक पिचकारी,
कौन के हाथ कमोरी रे रसिया ||5||
कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी,
राधा के हाथ कमोरी रे रसिया ||6||
उडत गुलाल लाल भए बादल,
मारत भर भर झोरी रे रसिया ||7||
अबीर गुलाल के बादल छाए,
धूम मचाई रे सब मिल सखिया ||8||
चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,
चिर जीवो यह जोड़ी रे रसिया ||9||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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