अब न सुनूंगी तेरी बांसुरीकी तान ,

अब न सुनूंगी तेरी बांसुरीकी तान ,



अब न सुनूंगी तेरी बांसुरीकी तान ,
बांसुरी की तान में , मेरो बहोत  भयो नुक्सान  |

सुन के तेरी बांसुरीमें, बहोत भई हेरान ,
लोक लाज छुट गई ,रटती कहान कहान ||1||

बांसुरी की तान में , में तो भूली खानपान ,
आठ पहोर उंघत नाही,लग रह्यो तेरो ध्यान ||2||

खटकत उर बांसुरी मोहे,सुजात नहीं आन ,
होत दरद मिलन काज ,निरकत नहीं प्रान ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: