
मो से रूठ गए री घनश्याम ,
बता दो उन्हें कैसे मनाऊं
मोहे सूझे ना कुछ हाय राम,
बता दो उन्हें कैसे मनाऊं |
ना उनकी वंशी मोहे पुकारे
ना उनके नैना मोहे निहारें
श्याम मिलन की आशा लेकर
छोड़ धाई रे सब काम ||1||
रास में मोहे साथ ना लेवें
हाथ में मेरे हाथ ना देवें
दिल मेरा बैठा जाता है,
क्या होगा रे अंजाम ||2||
मुझसे कुछ भी बात करें ना
नयनों से भी घात करें ना
सूना सूना जग लगता है,
पीर, ना जाने रे घनश्याम ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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