
श्री राधा माधव ,जय कुंजबिहारी
श्री गोपीजन वल्लभ ,जय गिरिवरधारी |
जय माधव मदन मुरारी।
जय केशव कलिमल हारी॥
सुन्दर कुंडल, नयन विशाला,
गले सोहे वैजयंती माला।
या छवि की बलिहारी ||1||
कबहू लूट लूट दधि खायो,
कबहू मधुवन रास रचायो।
नाचत विपिन बिहारी |2||
करुना कर द्रोपदी पुकारी,
पट में लिपट गए बनवारी।
निरख रहे नर नारी॥ ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: