
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,
कुंज बिहारी तेरी आरती गाऊं |
श्री श्याम सुंदर तेरी आरती गाऊं।
मोर मुकुट प्रभु शीश पे सोहे,
प्यारी बंशी मेरो मन मोह,
देखि छबि बलिहारी जाऊं॥1||
चरणों से निकली गंगा प्यारी,
जिसने सारी दुनिया तारी,
मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं॥2||
दास अनाथ के नाथ आप हो,
दुख सुख जीवन प्यारे साथ हो,
हरि चरणों में शीश नवाऊं॥3||
श्री हरि दास के प्यार तुम हो,
मेरे मोहन जीवन धन हो,
देखि युगल छवि बलि-बलि जाऊं॥4||
आरती गाऊं प्यारे तुमको रिझाऊं,
हे गिरधर तेरी आरती गाऊं॥
''जय श्री राधे कृष्णा '
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