राधा, ना बोले, ना बोले, ना बोले रे घूंघट के पट ना खोले रे

राधा, ना बोले, ना बोले, ना बोले रे घूंघट के पट ना खोले रे



राधा, ना बोले, ना बोले, ना बोले रे
घूंघट के पट ना खोले रे |
राधा, ना बोले, ना बोले, ना बोले रे |

राधा की लाज भरी अखियों के डोरे
देखोगे कैसे अब गोकुळ के छोरे 
देखो मोहन का मनवा डोले रे ||1||


याद करो जमुना किनारें, सावरीयां
फोडी थी राधा की काहे गगरीयां
इस कारण ना तुम संग बोले रे ||2||

रूठी हुई, यूँ ना मानेगी छलिया
चरणों में राधा के रख दो मुरलियाँ
बात बन जायेगी होले होले ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा '


Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: