
चलों बरसाने खेले होरी ।
ऊँचो गाम बरसानो कहियत,
जहा बसे राधा गोरी ||1||
पाँच बरस के कुंवर कन्हैया ,
सात बरस राधा गोरी ||2||
चोबा चन्दन और अरगजा ,
केशर गागर भर धोरी ||3||
इतते आये कुंवर कन्हैया ,
उत से आये राधा गोरी ||4||
"सूरदास" प्रभु तिहारे मिलन कू ,
चिरंजीव रहो यह जोरी ||5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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