
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ॥
जो सुख पाऊँ राम भजन में
सो सुख नाहिं अमीरी में ||1||
भला बुरा सब का सुनलीजै
कर गुजरान गरीबी में ||2||
आखिर यह तन छार मिलेगा
कहाँ फिरत मग़रूरी में ||3||
प्रेम नगर में रहनी हमारी
साहिब मिले सबूरी में ||4||
कहत कबीर सुनो भयी साधो
साहिब मिले सबूरी में ||5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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