
तुम वृन्दावन में आओ सांवरे, तेरी राधा बुलाये तुझे आज रे
तेरी याद में रो रो मोहन ,चली जाये न मेरी जान रे |
तेर विरह में मेरे मोहन , मुझे चैन कभी नहीं आ सकता ,
तेर दरश बिना मन मोहन , मेरे जीवन में सुख नहीं आ सकता ,
तेरी दासी बुलावे रो रो आज रे, मेरी सुनले आखरी फरियाद रे ||1||
कह के गए थे कल परसों , बीत गए है बरस कई ,
तुझसे मिलन की आस में , मैं घर से कही न बाहर गयी ,
मेरे होठों पे रचो तेरा नाम रे , मेरी आँखों में बसों तेरो रूप रे ||2||
माझी बने मेरे मोहन , मेरी नैया भव से पार लगे ,
तू आ कर के देखले कन्हैया , तेरी याद में दासी दिन रात जगे ,
उधो उनको सुनाना मेरा हाल रे, उनकी राधा हुई बेहाल रे ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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