हरि गुण गा लो,मन को सजा लो

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हरि गुण गा लो,मन को सजा लो
साँवरे ठाकुर को,उसमे बिठा लो |

जिस जिस ने मोहन को अपनाया
उसी ने प्रियतम को हैं पास पाया
उनकी ही यादें गले से लगा लो ||1||

मुहब्बत में बलिदान देना हैं होता
बलिदान से ही हैं अवतार होता
सोये हुए भाग्य अपने जगा लो ||2||

'हरिदासी' गोबिन्द हैं मेरा सहारा
वो ही पतवार वो ही हैं किनारा ,
उन्ही को अपने ह्रदय में बसा लो ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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