
प्रभुजी तुम चंदन हम पानी
जाकि अंग अंग बास समानी |
प्रभु जी तुम घनवन, हम मोरा रे
जैसे चितवत, चंद चकोरा ||1||
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती,
जाकि ज्योत जले दिन राती ||2||
प्रभु जी तुम मोती हम धागा,
जैसे सोने में मिलत सुहागा||3||
प्रभूजी तुम स्वामी, हम दासा,
ऐसी भक्ती कर रहे दासा ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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