
बजरंग बली मेरी नाव चली, जरा बल्ली कृपा की लगा देना,
मुझे रोग ने शोक ने घेर लिया, मेरे पाप को नाथ मिटा देना ।
मै दास तो आपका जन्म से हूँ, बालक और शिष्य भी धर्म से हूँ ,
बेशर्म विमुख निज कर्म से हूँ, चित्त से मेरा दोष भुला देना ।। 1।।
दुर्बल हूँ गरीब हूँ ,दीन हूँ मैं, निज कर्म क्रियागत क्षीण हूँ मैं,
बलवीर तेरे अधीन हूँ मैं, मेरी बिगडी को नाथ बना देना ।। 2 ।।
बल दे के मुझे निर्भय कर दो, यश शक्ति मेरी अक्षय कर दो,
मेरे जीवन को सुखमय कर दो, संजीवन लाय पिला देना ।। 3 ।।
करुणानिधि आपका नाम भी है, शरणागत राधेश्याम भी है,
इसके अतिरिक्त यह काम भी है, सिया राम से मो हे मिला देना ।।4 ।।
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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