किशोरी इतना तो कीजो, लाड़ली इतना तो कीजो, जग जंजाल छुड़ाए वास बरसाने को दीजो ।

किशोरी इतना तो कीजो, लाड़ली इतना तो कीजो, जग जंजाल छुड़ाए वास बरसाने को दीजो ।



किशोरी इतना तो कीजो, लाड़ली इतना तो कीजो,
जग जंजाल छुड़ाए वास बरसाने को दीजो ।

भोर होत महलन में थारे सेवा में निस जाऊं,
मंगला के नित्त दर्शन पाऊं, जीवन सफल बनाऊं ,
किशोरी मोहे सेवा में लीजो, लाड़ली सेवा में लीजो ||1||


पड़ी रहूँ मैं द्वार तिहारे, रसिकन दर्शन पाऊं,
भगतन की पद धूलि मिले तो अपने सीस चढाउँ
किशोरी मोहे द्वारे रख लीजो, लाड़ली द्वारे रख लीजो॥2||

भूख लगे तो ब्रजवासिन के टूक मांग के खाऊं,
कभू प्रसादी श्री महलन की कृपा होए तो पाऊं ,
किशोरी मेरी विनय मान लीजो, लाडली विनय मान लीजो ॥3||

राधे राधे रटूं निरंतर तेरे ही गुण गाऊं,
तेरे ही गुण गाय गाय मैं तेरी ही होय जाऊं ,
किशोरी मोहे अपनी कर लीजो, लाड़ली अपनी कर लीजो ॥4||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

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