कन्हैया के दर जो , सुनाई न होती

कन्हैया के दर जो , सुनाई न होती



धुन - अगर तेरा जलवा

कन्हैया के दर जो , सुनाई न होती
किस्मत मेरी रंग लाई न होती || टेर ||

कितना मुश्किल था हंसना हँसाना
प्रेम के रंग में रंगना रंगाना
अगर प्रीत प्रभु ने बढ़ाई न होती || १ ||

बहारों का मौसम , न लगता सुहाना
उजालो की नगरी से रहता बेगाना
बदरी कृपा की छाई न होती || २ ||

आँखों में आँसू , दिल में उदासी
खुशियों की दुनियाँ , प्यासी की प्यासी
अगर प्यास प्रभु ने , बुझाई न होती || ३ ||

हुई रात रंगीन , और दिन सुनहरे
" नन्दू " खतम हुए , निराशा के पहरे
भजनों की ज्योति , जगाई न होती || ४ ||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

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