
ध्यान घनशाम का,दिवाना बना देता है
दीन ओ दुनिया को परवाना बना देता है |
वो आना साँवले सरकार का,
मेरे दिल को कभी गोकुल कभी
बरसाना बना देता है ||१||
प्याले भर भर के जो पियें
वो अपनी जाने, मुझे इक बिंदु ही
मस्ताना बना देता है ||२||
बिंदु जी
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जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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