
धुन - नींद न आये रे चैन न आये रे
देता हरदम साँवरे , हारे का तूँ साथ
मैं भी जग से हार के आया , थाम लो मेरा हाथ |
रो रही आँखें मेरी , हँसता ज़माना है
मुश्किलों में घिर गया , तेरा दीवाना है
बिन तेरे अब कौन सुने , मेरे दिल की बात || १ ||
हर कदम पर क्यों भला , मैं मार खाता हूँ
जीतना चाहूँ मगर , हार जाता हूँ
आजा अब तो देख ले , मेरे ये हालात || २ ||
तूँ नहीं सुनता अगर , किसको सुनाता मैं
घाव जो दिल पे लगे , किसको दिखाता मैं
" हर्ष " ज़माने ने दीये , कितने ही आघात || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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