
धुन- और इस दिल में क्या रखा है
भूखे के मुख में , देता निवाला
दिनों का तूँ ही , बना रखवाला || टेर ||
तेरी दीवानगी में , बेखबर जो हुआ है
उसी दीवाने की तूँ , खबर खुद ले रहा है
मैं भी अपनी सुध बिसरा के , " दर तेरे आया " -2
भक्त जानो को , थामने वाले , गिरते हुए को तूने सम्भाला || १ ||
भरे भण्डार तूने , लूटा जो तेरे खातिर
दुखों को मेट डाला , मिटा जो तेरे खातिर
प्यार में तेरे , खुद को लुटाके , " दर तेरे आया " -2
सेवक का दिल , लूटने वाले , तेरा जग में नियम निराला || २ ||
पता ए श्याम तेरा , पतित जो पूछता है
उन्ही दिनों को दाता , सदा तूँ ढूंढता है
भक्त तुम्हारा पता लगाके , " दर तेरे आया " -2
नाम की तेरे , बाँसुरी वाले , " हर्ष " हमेशा फेरूँ मैं माला || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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