हे प्रभु तुम अन्तर्यामीदया करो, दया करो , हे स्वामी

हे प्रभु तुम अन्तर्यामीदया करो, दया करो , हे स्वामी








हे प्रभु तुम अन्तर्यामी
दया करो, दया करो , हे स्वामी |



अंग अंग में रंग सांवरा ,गहरा होता जाये,

मैं तो बस बिन मोल बिकानी ,मन में तुम्ही समाये,
लोग करें बदनामी दया करो , दया करो, हे स्वामी ||1||




मन्द मन्द मुसकान मनोहर ,मुख पर लट घुंघराली,
अचरज क्या जो भई बावरी ,देख के छवि मतवाली,
बेल प्रीत की जामी, दया करो, दया करो, हे स्वामी ||2||



मैं गुणहीन, रिझाऊं कैसे ,तुम को हे नटनागर,
एक यही विशवास ह्रदय में ,तुम हो दया के सागर,
तीन लोक के स्वामी,दया करो , दया करो, हे स्वामी ||3||




जय श्री राधे कृष्ण

श्री कृष्णाय समर्पणम्

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