
लेना न इतनी परिक्षा,कहीं टूट नहीं मैं जाऊं ,
टूट अगर मैं जाऊं,बिखर नहीं मैं जाऊं |
तेरे ही दम पर बाबा,मैंने कदम बढाये ,
मन ही मन में मैंने,सपने कितने सजाये ,
सपनों को क्या मैं बताऊं ,हकीकत कह न पाऊं ||1||
अनजान बने बैठे हो,बैठे हो क्यों मुहं फेरे ,
अब तो जीवन में मेरे,श्याम करो सबेरे,
आऊं मैं दर पर तेरे,नित नये भजन सुनाऊं||2||
नादानी तेरे बालक की,माफ़ करो मेरे श्याम ,
फरमाओगे जो भी,करूँगा मैं सारा काम ,
दीदार तेरा ओ बाबा,'टीकम'हर पल चाहूँ ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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