कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ






कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ 

आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू  |



भक्तो को शिव तूने कभी निराश न किया

माँगा जिन्हें जो चाहा वरदान दे दिया
बडा है तेरा दायजा बड़ा दातार तू  ||1||




बखान क्या करुँ मैं राखों के ढेर का

चपटी भभूत मेँ है खजाना कुबेर का 
गंगधार मुक्तिद्वार ओमकार तू  ||2||




क्या क्या नहीँ दिया हम क्या प्रमाण दे

बस गये हैं त्रिलोक शंभु तेरे दान से 
जहर पिया जीवन दिया कितना उदार तू  ||3||



तेरी कृपा बिने न हिले एक भी अणू

लेते है श्वास तेरी दया से तनू तनू

कहे दाद एक बार मुझको निहार तू  || 4 ||






जय श्री राधे कृष्ण

 श्री कृष्णाय समर्पणम्

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