राधा-राधा रट ले रसना।

राधा-राधा रट ले रसना।



राधा-राधा रट ले रसना।






फेरि जन्म ये बहुरि न मिली है,
      रह जाये यही कल्पना ||1||






रोम-रोम में नाम तू भर ले,
      छिन-छिन जपना रटना ||2||






तेरी बन जाये नाम रटन से,
      हरि आवें उर बसना ||3||






मन दर्पण निर्मल हो जावे,
      जन्म जन्म की मिले भटकना||4||






श्री गोपालहित प्रिया नाम पै,
      अब तो चित्त अटकना ||5||



जय श्री राधे कृष्ण
 श्री कृष्णाय समर्पणम्



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