
तर्ज़-झिलमिल झिलमिल चूनड़ी मँ
किस दुविधा में पड़ा बावरे, कांहे भ्रम पाले ,
श्याम नाम की धुन में खोजा, श्याम भजन गाले |
भीम पुत्र और पौत्र की बातें,क्यूँ करता प्यारे,
श्याम नाम की भक्ति करले,हों वारे न्यारे,
श्याम नाम की साँची ज्योति,
नयन में बसाले ||1||
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तर्क वितर्क की बातें तुझको, पथ भटका देगी,
एक नाम की लगन में खो जा,सुख बरसा देगी,
सच्चे मन से श्याम रिझाले,
श्याम को तू पा ले ||2||
कहे "रवि" ऐ श्याम भगत कोई, संशय मत धरना,
कृष्ण कला धारी अवतारी, का सुमिरन करना,
विजय सत्य की होती आई,
झूठ नहीं चाले ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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