
धुन - चाँद आहें भरेगा
चाँद शरमा रहा है , फुल मुस्का रहे हैं
देख माँ की चुनरिया , आज शरमा रहे हैं ||
आरी तरी की लड़ियाँ , लम्बी लुम्बा की कड़ियाँ
हीरे मोती जेड हैं एक से एक बढिया
आसमां के परे सब , देवज्ञं गा रहे हैं || १ ||
सोहे किरणों की लाली , देख चुनडी निराली
होश सब खो चुके हैं , नज़र जिसने भी डाली
आज सुध बुध ही सारी , देख बिसरा रहे हैं || २ ||
भाव भरपूर है माँ , गजब का नूर है माँ
" हर्ष " रहना कभी ना , नज़र से दूर तू माँ
देवगण मिलके सारे , फुल बरसा रहे हैं || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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