माता भजन

माता भजन








धुन - चाँद आहें भरेगा



चाँद शरमा रहा है  , फुल मुस्का रहे हैं 
देख माँ की चुनरिया , आज शरमा रहे हैं || 




आरी तरी की लड़ियाँ , लम्बी लुम्बा की कड़ियाँ 
हीरे मोती जेड हैं एक से एक बढिया 
आसमां के परे सब  , देवज्ञं गा रहे हैं  || १ ||




सोहे किरणों की लाली , देख चुनडी निराली 
होश सब खो चुके हैं , नज़र जिसने भी डाली 
आज सुध बुध ही सारी , देख बिसरा रहे हैं  || २ ||




भाव भरपूर है माँ , गजब का नूर  है माँ 
" हर्ष " रहना कभी ना , नज़र से दूर तू माँ 
देवगण मिलके सारे , फुल बरसा रहे हैं || ३ ||




जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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