धुन - तुझे भूलना तो चाहा देखा अजब नज़ारा दरबार

धुन - तुझे भूलना तो चाहा देखा अजब नज़ारा दरबार








धुन - तुझे भूलना तो चाहा



देखा अजब नज़ारा दरबार में कन्हैया 

दुनियाँ हुई दीवानी तेरे प्यार में कन्हैया ||




करते कभी हो जादू  कभी चीरते हो सीना 

चक्की चलाते ऐसे चाभी भरा खिलौना 
बाँधा है तुमने सबको एक तार में कन्हैया || १ ||




आँखों में बस गया है दिलकश तेरा नज़ारा 

जिसने भी तुमको देखा तो हो गया तुम्हारा 
ऐसी कशिश है तेरे दीदार में कन्हैया || २ ||




कब दिन निकल रहा है कब रात हो रही है 

हर वक़्त मस्तियों की बरसात हो रही है 
बहते ही जा रहे है रसधार में कन्हैया || ३ ||




जालिम तेरी अदायें आँखें तेरी करारी 

मुस्कान तेरी कातिल कैसे बचें " बिहारी " 
तुम्हें जीत में माजा है हमें हार में कन्हैया || ४ ||





जय श्री राधे कृष्ण


       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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