
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना |
मेरे पापो का कोई ठिकाना नहीं
तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं
शरण देदो मेरे अवगुण निहारे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना ||1||
मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया
अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया
जीवन नीरस है अखिओं के तारे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना ||2||
प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो
दीन दुखिओं की सरकार तुम्ही तो हो
अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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