खुद से चल जाती नैया जो हमारी,तो फिर ना होती

खुद से चल जाती नैया जो हमारी,तो फिर ना होती



खुद से चल जाती नैया जो हमारी,

तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी ।
मेरे माझी बन जाओ, मेरी नाव चला जाओ ॥




सुख में भुलाया तो दुःख ने सताया,
मुसीबत में कोई भी काम न आया ।
मेरी बिगड़ी बना जाओ, मेरी लाज बचा जाओ ॥



खुद से ये नैया चला के मैं हारा,
आखिर में तुझको ही मैंने पुकारा ।
आओ जल्दी आओ पटवार पकड़ जाओ ॥



कोई अच्छा माझी जो नैया चलाता,
तुझको बुलाने का मौका ना आता ।
ये अटक गयी नैया आकर के चला जाओ ॥



मेरा बस तो तुम पे ही चलता कन्हैया,
तेरे ही चलाने से चलती है नैया ।
भाव पार लगा जाओ अर्जी ना ठुकराओ ॥

जय श्री राधे कृष्ण

    श्री कृष्णाय समर्पणम्



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