आओ आओ यशोदा के लाल .आज मोहे दरशन से कर

आओ आओ यशोदा के लाल .आज मोहे दरशन से कर



आओ आओ यशोदा के लाल .

आज मोहे दरशन से कर दो निहाल |




नैया हमारी भंवर मे फंसी .

कब से अड़ी उबारो हरि .
कहते हैं दीनों के तुम हो दयाल ||1||



अब तो सुन लो पुकार मेरे जीवन आधार .

भवसागर है अति विशाल .
लाखों को तारा है तुमने गोपाल  ||2||




यमुना के तट पर गौवें चराकर .

छीन लिया मेरा मन मुरली बजाकर .
हृदय हमारे बसो नन्दलाल . ||3||


जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: