
कन्हैया तेरा रंग काला...
क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा...
ओ काली कमली वाले ओ तिरछी नजरो वाले
लट तेरे घुँघराले भी काले काले
नजर का टीका भी काला ||1||
अधरों पे तेरे लाली कानो में कुण्डल बाली
सुरत है तेरी प्यारी काली हुई तो क्या
तेरी मुस्कान पे प्यारा हुआ कुरबान जग सारा ||2||
मेरा रंग भी है काला तुम्हारे जैसा कान्हा
क्यूँ फिर भी नहीं प्यारा मैं ज़माने को बता
मुझे लगता है तुम करते हो भक्तो पे जादु~टोना ||3||
ओ नीली छतरी वाले ओ राजा कटरा वाले
क्यूँ दिल पे डोरे डाले अनोखे बता
हमारे दिल दिवाने को यूँ तड़पाना नहीं अच्छा ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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