मिलता है बड़े भाग्य से नर तन कभी - कभी

मिलता है बड़े भाग्य से नर तन कभी - कभी








मिलता है बड़े भाग्य से नर तन कभी - कभी ,

आते है इसी वेष में भगवन कभी - कभी |




कोई बुरा नहीं है भले मन के वास्ते ,

इस मन से ही मिल जाते है प्रीतम कभी - कभी || 1 ||




जब तक है जिंदगी सभी को हंसा के जी ,

हंस - हंस कर सुलझ जाती है उलझन कभी - कभी ||2||




भगवान और इंसान में कोई फर्क नहीं ,

नई ज्योत इधर आती है छन छन कभी - कभी||3||




भगवान ने इंसान बनाकर यही कहा ,

मुझको भी सुहाता है यह बंधन कभी - कभी||4||




निर्मल हो हर दिल और जुबां पे नाम हो तेरा ,

इतने में ही मिल जाते है दर्शन कभी - कभी||5||


जय श्री राधे कृष्ण

      श्री कृष्णाय समर्पणम्

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