सियारानी का अचल सुहाग रहे,🎉राजा राम के सिर पर ताज

सियारानी का अचल सुहाग रहे,🎉राजा राम के सिर पर ताज







सियारानी का अचल सुहाग रहे,
🎉राजा राम के सिर पर ताज रहे।


🎉जब तक पृथ्वी अहि शीश रहे,
गंगा यमुना जलधार बहे।


🎉नभ मेँ शशि-सूर्य प्रकाश रहे,
तब तक यह बानक बना रहे।


🎉नित(दुल्हा)बना रहे,
नित(दुल्हिन)बनी रहे,
🎉नित बना बनी मे बनी रहे।


ताज रहे-सुहाग रहे,
🎉नित-नित यह बानक बना रहे।


नित कनक बिहारी विराज रहे,
🎉नित सखीयोँ-अलियो का यह समाज रहे।


नित झांकी ऐसी साज रहे,
🎉प्रेमी जन की बड़भाग रहे




       जय श्री राधे कृष्ण

      श्री कृष्णाय समर्पणम्



Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: