भाई मेरे निरधन को धन राम|खरचे न खूटे चोर न

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भाई मेरे निरधन को धन राम|



खरचे न खूटे चोर न लुटे
भीर पड़े आवे काम ll1ll




दिन रात सूरज सवायो उगे
घटत न एक छदाम ll2ll




राम नाम मेरे हिरदे में राखूँ
ज्यो लोभी राखे दाम ll3ll




सूरदास के इतनी पूँजी
रतन मणी से नाहिं काम ll4ll


जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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