
रसना वृन्दावन गुण गाओ।
विषय की चर्चा विष ज्वाला हैं,
त्यागि परम सुख पाओ||1||
वृन्दावन रस गान मधुर ,
रससिन्धु ताहि उमगाओ||2||
युगल केलि रस गान मगन ,
रसिकनि पर रस बरसाओ||3||
गुण गायन करि गुणमय होकर ,
श्यामा-श्याम रिझाओ||4||
श्री किशोरी किंकरी सखी' गुण गा ,
निज रसना सफल बनाओ||5||
श्री राधारमणाय समर्पणं🍃
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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