
तज॔ - प्रेम रतन धन पायो,,,,,,,,
गजब श्रृंगार ये, प्यारा दरबार ये,
सजधज के बैठा मेरा, श्याम सरकार ये,
भायो रे, भायो रे, भायो रे, भायो रे,
श्याम मेरे मन भायो, भायो,
रूप तेरो मन भायो, भायो ।।टेर ।।
सुरत सलोनी, कान मे बाली,
लागे बडी प्यारी,
लट घुंघराली, मुखडे पे लाली,
अंखिया कजरारी, बडी ही मतवारी,
चेहरे पे देखलो, मीठी मुस्कान ये,
बडा ही सजीला मेरा, श्याम सरकार ये||1||
पाँव पैजनियाॅ, कमर कटारी,
गल बिच हार पङयो,
बडी जादुगारी, मुरली या थारी,
माणक मुकुट जङयो, तिरछे चरण खङयो,
बडा ही रंगीला मेरा, खाटुवाला श्याम ये,
करता हमेशा अपने, भगतो से प्यार ये ||2||
देख-देख कर, सुंदर झांकी,
प्यास बुझी मन की,
जग से न्यारी, चितवन बाॅकी,
खोई सुध तन की, दिल के उपवन की,
लटक निराली तेरी, देखी घनश्याम ये,
रसियो सुबोध मेरो, श्याम सरकार ये ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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