
मेरे कुंजन के वासी बनवारी
चले अइयो खोल किवड़िया रे ।
सास हमारी को डर मत करियो
डर मत करियो फ़िकर मत करियो
उसकी तो ऊँची अटारी
चले अइयो खोल किवड़िया रे ॥ १ ॥
नन्द हमारी को डर मत करियो
डर मत करियो फ़िकर मत करियो
उसकी तो कर दी सगाई
चले अइयो खोल किवड़िया रे ॥ २ ॥
पाड पड़ोसिन को डर मत करियो
डर मत करियो फ़िकर मत करियो
उनसे हमारी लड़ाई
चले अइयो खोल किवड़िया रे ॥ ३॥
बलमा हमारे को डर मत करियो
डर मत करियो फ़िकर मत करियो
उनसे तुम्हारी है यारी
चले अइयो खोल किवड़िया रे ॥ ४ ॥
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
🌺
0 Comments: