जिस और निहारु मैं,          मुझे तू ही नजर आये,

जिस और निहारु मैं, मुझे तू ही नजर आये,








तर्ज -ऐ मेरे दिले नादान

जिस और निहारु मैं,
         मुझे तू ही नजर आये,
इतनी सी दया करना,
जग जाल ना भरमाये।।टेर।।

माया का रंग हटा ,
         तेरे रंग में मुझे रंग ले,
कही भटक ना जाऊ मैं,
      संग श्याम मुझे रख ले।
रहे नाम सदा लब पे,
गुण गान तेरा गाये।।1।।



जीवन जो दिया तुमने,
            उपकार तेरा भारी।
हे श्याम सनम तुझपे,
            जाऊ मै बलिहारी।
एहसान तेरा स्वामी,
कभी भूल नहीं पाये।।2 ||




अब एक तमन्ना है,
          पूरी इसको करना।
हे नाथ कभी मुझसे,
         तुम दूर नहीं रहना।
सावर तू मेरा है,
ये खुद आ कह जाय।।3।|





जै श्री राधे कृष्ण

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श्री कृष्णायसमर्पणं
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