
मदमांतो फागुन जाय तनक गोरी
रसिया ते बतराय लीजो ||
यह जोबन दिन चारको हैं
दो दो नैना ते नैना लडाय लीजो ||1||
सांस ननंदको डर मत करियो
घुंघटमें बतराय लीजो ||2||
रसिया रसको भरो ही डाले
छतिया सो लिपटाय लीजो ||
कृष्णजीवन लछीराम के प्रभुसो
तनकी तपत बुजाय लीजो ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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