
मुझे अपने ही रंग में रंग ले
मेरे यार सांवरे दिलदार सांवरे |
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया ,
बिना रंगाये मैं घर नहीं जाऊँगी ,
बीत जाए चाहे सारी उमरिया,
अरे ऐसी रंग दे जो रंग ना ही छुटे
धोबीया धोये चाहे सारी उमरिया
जो ना ही रंगो तो मोल ही मंगाई दो
बृज में खुली है प्रेम बजरिया
या चुनरी ओड़ के मैं तो यमुना पे जाऊँगी
श्याम की मुझ पे पड़ेगी नजरिया
मेरे जीवन की नैया ले जा उस पार सांवरे
मेरे यार सांवरे, दिलदार सांवरे ||1||
भव सागर में हे मनमोहन माझी बनकर आना,
ना भटकु इधर-उधर मेरे प्यारे मुरली मधुर सुनाना,
मेरे जीवन की नैया ले जा उस पार सांवरे ||
हे कन्हैया, रैन छड़ी रसूल की
रंग मौला के हाथ
तुने जिसकी चुनरी रंग दिनही रे
धन्य धन्य उसके भाग्य ,
जो तु मांगे रंग की रंगाई तो मेरा जोबन गिरवी रख ले
पर अपनी पगड़ीया मोरी चुनरिया एक ही रंग में रंग ले
ऐ रे रंग तेरी आशिकी जरूर कुछ लाएगी
मुझे मार डालेगी या जीना सिखाएगी
दुनिया के रंग मिटा देगी मुझमें से
रंग तेरे प्यार का ये मुझपे चढ़ाएगी
मुझे अपना बनाके देखो
मेरे यार सांवरे, दिलदार सांवरे ||2||
प्रीत लगाना प्रियतम ऐसी निभ जाए मरते दम तक
इसके सिवा ना तुझसे मांगा ना कुछ चाहा अब तक
मेरे कान्हा तुम बिन जीना बेकार साँवरे ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
0 Comments: