मुझे वृन्दावन बुला लो अब तो रहा ना जाएचरणों से

मुझे वृन्दावन बुला लो अब तो रहा ना जाएचरणों से



मुझे वृन्दावन बुला लो अब तो रहा ना जाए

चरणों से ही लगा लो अब तो रहा न जाए |




हैँ लाख अवगुण मुझमेँ तुम तो दया के सागर

कृपा बरस रही है खाली क्यों मेरी गागर
दरस अब करा दो अब तो रहा ना जाए ||1||



सारा जगत बिसारा आया हूँ दर पे तेरे

मुझे कोई ना सहारा बस श्यामा श्याम मेरे
कोई सेवा लगाय लो अब तो रहा ना जाए ||2||



याचक हूँ तेरे दर का बस इतनी सी मांग मेरी

कब से तरस रहा हूँ बस एक झलक को तेरी
निर्धन की अब सुधि लो अब तो रहा न जाए ||3||


जै श्री राधे कृष्ण

🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं



post written by:

Related Posts

0 Comments: