मुरली बैरन भई....हो कन्हैया तेरी मुरली बैरन भई,बावरी मै बन

मुरली बैरन भई....हो कन्हैया तेरी मुरली बैरन भई,बावरी मै बन








मुरली बैरन भई....

हो कन्हैया तेरी मुरली बैरन भई,
बावरी मै बन गयी,
कन्हैया तेरी मुरली बैरन भई|




वृन्दावन की कुंज गली मे, 
राधा गयी दिल हार,
अब अखियन की मस्त गली में,
कन्हैया फिरे बार-बार...


सोतन मेरे मन को हर गयी,  
मुरली बैरन भई||1||






प्यार जता के तन मन लूटा, 
पीछे पड़ा बईमान,
यमुना तट पर ले गया नटखट,
मधुर सुनाई तान...


जिगर के पार उतर गयी रे, 
कन्हैया तेरी मुरली बैरन भई रे... ||2|||


जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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