
तेरे फूलों से भी प्यार ,
तेरे कांटों से भी प्यार
तू जो भी देना चाहें ,
दे दे मेरे करतार |
तेरी मर्जी में विधाता कोई छुपा बड़ा राज
हो दुनिया चाहे हमसे रूठे
तू हो न नाराज ll1ll
तुझे वन्दन है बार बार
हमको कर ले तू स्वीकार ,
तू जो भी देना चाहे दे दे
मेरे करतार ll2ll
हमको दोनों है पसंद
तेरी धूप और छाँव
दाता किसी भी दिशा में ले चल
जिंदगी की नाव
चाहे हमे लगा दे पार या डुबो दे हमे मझधार
तू जो भी देना चाहे दे दे
मेरे करतार ll3ll
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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